CBSE Class 10th Hindi Mock Test
मीरा के पद Class 10 Hindi Sparsh Chapter 2
हिन्दी परीक्षा (पाठ 2) मीरा के पद
मीरा के पद Question Answers
प्रश्न - नीचे दिये गये पच्चांश को पढ़कर सभी प्रश्नों के उत्तर दो --
श्याम म्हाने चाकर राखो जी
गिरधारी लाला म्हाने चाकर राखो जी।
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्सू नित उठ दरसण पास्यूँ ।
विन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ।
1. श्याम से मोरा क्या कहना चाह रही है?
उ. श्याम से मीरा कह रही है कि मुझे अपने घर नौकरानी बनाकर रखलो।
प्र. मीरा कृष्ण की चाकरी क्यों करना चाहती हैं?
उ. मीरा कृष्ण की नौकरी इसलिए करना चाहती हैं कि वो कृष्ण दरशन पा सके।
प्र. कृष्ण की चाकरी में वो क्या- क्या काम करने को तैयार है?
उ. बाग की देखभाल करने को तैयार है। विन्दरावन की गलियों में उनके भजनों का गुणगान करने को भी तैयार हैं।
सभी प्रश्नों के उत्तर दो-
प्र. मगरमच्छ 1 मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
उ. मीरा हरि से प्रार्थना करती है कि आप मेरी लाज रखो जैसे आपने द्रोपदी की लाज रखी थी, प्रहलाद की रक्षा करीबी, गजराज रूपी मृत्युके मुख से बचाया था ऐसे ही आप मेरी भी रक्षा करो।
प्र . मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौन्दर्य का वर्णन कैसे किया है?
उ. मीरा कृष्ण के रूप सौन्दर्य का वर्णन करते हुए कहती है कि वो मोरकुकुट धारण किये हुए है । पीले रंग के वस्त्र पहने हुए हैं तथा गले मे वैजन्ती माला है। वांसुरी बजाते हुए गाय चरा रहे है | वह बहुत सुंदर लग रहे हैं।
प्र0-3- मीरा श्री कृष्ण को पाने के लिये क्या-क्या कार्य करने को तैयार है?
उ. मीरा सेवक बनकर बाग बगीचे लगाना चाहती है वृन्दावन की गलियों में लीलाओं का गुणगान करना चाहती
हैं। कुसुम्ब साड़ी पहन कर आधी रात को कृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं।
निम्न पंक्तियों का काव्य सौन्दर्य स्पष्ट कीजिये ।
1. बूढ़तो गजराज राख्यो काटी कुठजर पीर। दासी मीरालाल गिरधर, हरो म्हारी भीर
उत्तर – इन पंक्तियों में मीरा ने कृष्ण से अपने दु:ख दूर करने की प्रार्थना की है कि जिस तरह से आपने डूवते गजराज को बचाया मगरमच्छ से वैसे ही आप मेरी पीड़ा बचाया को दूर करो। ब्रज भाषा है। अनुप्रास अलंकार है।
2. चाकरी में दरसन पास्यूँ सुमरण पास्यूँ खरची। भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीन बातों सरसी।
उ. इन पंक्तियों में मीरा दासी वनकर अपने आराध्य श्री कृष्ण के दर्शन करना चाहती हैं। जिससे उनको दर्शन की अभिलाषा रूपी सम्पत्ति प्राप्त होगी। श्री कृष्ण की भक्ति करने को ही वो अपनी सबसे बड़ी सम्पत्ति मानती है। वह सुबह, दोपहर व शाम तीन पदर कृष्ण के दर्शन करना चाहती है।
राजस्थानी भाषा का प्रयोग किया है। अनुप्रास व रूपक अलंकार का प्रयोग
किया है।
इसमें भक्ति रसं का प्रयोग हुआ है।